15-11-2009 |
मधुबन
अव्यक्त बापदादा
ओम् शान्ति
|
स्वराज्य की रिजल्ट चेक करके स्वयं को चेंज करो और अखण्ड राज्य के अधिकारी बनो
आज दिलाराम बाप अपने राजदुलारे बच्चों से मिलने आये हैं। दुलारे क्यों हैं? जानते हो कि आप हर एक बच्चा तीन तख्त के मालिक हो? एक स्वराज्य का तख्त, दूसरा है बापदादा के दिल का तख्त और तीसरा है भविष्य का तख्त। तीनों तख्त के अधिकारी हो। अपने भविष्य तख्त का भी यहाँ ही अभ्यास कर रहे हो। भविष्य की तैयारी वा पुरुषार्थ अभी ही कर रहे हो। अब का पुरुषार्थ अनेक जन्म का राज्य भाग्य दिलाने वाला है। इस समय ही अपने राज्य भाग्य के संस्कार धारण कर रहे हो क्योंकि अब का पुरुषार्थ भविष्य के राज्य का अधिकारी बनाता है। तो चेक करो कि इस समय अपना पुरुषार्थ यथार्थ है? जैसे भविष्य में एक राज्य होगा तो अभी चेक करो कि हमारा एक राज्य मन में चलता है? पुरुषार्थ में एक राज्य है? या माया राज्य में विघ्न डालती है? एक राज्य के बजाए माया का प्रभाव तो नहीं पड़ता? दो राज्य तो नहीं होते हैं? भविष्य की विशेषता है ही एक राज्य की। तो अभी का अभ्यास भविष्य में चलता है। तो चेक करो कि अभी स्वराज्य है? स्वराज्य में कहाँ माया दखल तो नहीं करती है? दो राज्य तो नहीं हैं? अगर दो राज्य चलता है तो एक राज्य के संस्कार कब भरेंगे? भविष्य की विशेषता है ही एक राज्य और एक धर्म। धर्म कौन सा है? आपकी विशेष धारण कौन सी है? सम्पूर्ण पवित्रता। तो चेक करो कि एक धर्म है? बीच में दूसरा धर्म अपवित्रता का दखल तो नहीं देता? साथ में यह भी चेक करो कि लॉ एण्ड आर्डर एक का है या माया भी बीच में दखल करती है? एक का राज्य निर्विघ्न चलता है? और बात – राज्य में सदा सुख और शान्ति नेचुरल रहती है। तो अभी देखो अपने राज्य में सदा सुख शान्ति है? कोई दखल तो नहीं होता? स्वराज्य में माया अपना दखल देकर अशान्ति तो नहीं फैलाती है? स्वराज्य में कोई सैलवेशन, कोई प्रशन्सा का प्रभाव तो माया नहीं डालती है? सदा सुख, शान्ति, आनंद, प्रेम, अतीन्द्रिय सुख कायम रहता है? क्योंकि जानते हो कि भविष्य राज्य में सर्व प्राप्ति हैं, सम्पन्नता है, इस कारण सन्तुष्टता भी है। तो अभी भी स्वराज्य सम्पन्न रहता है कि कोई कमी रहती? क्योंकि अभी के पुरुषार्थ में अगर कमी रह गई तो भविष्य अखण्ड राज्य के अधिकारी कैसे बनेंगे! सारा आधार अभी के पुरुषार्थ पर है। अभी की कोई भी कमी भविष्य के सम्पूर्ण राज्य के अधिकारी नहीं बन सकते। बहुतकाल का यह स्वराज्य का अभ्यास भविष्य राज्य के अधिकारी बनाता है। तो यह अपनी चेकिंग सदा रहे क्योंकि अभी अगर बहुतकाल का पुरुषार्थ नहीं होगा तो प्रालब्ध भी कम मिलती है इसलिए बापदादा समय प्रति समय यह अटेन्शन खिंचवा रहा है कि इसके लिए अभी अपने को सम्पन्न और सम्पूर्ण बनाओ। अगर अभी बीच-बीच में कह देते हैं कि पुरुषार्थ चल रहा है लेकिन पुरुषार्थ के बीच में तो-तो तो नहीं आता! यह तो हो जायेगा, यह तो कर लेंगे, यह संस्कार अविनाशी 21 जन्म का, अखण्ड राज्य का अधिकारी नहीं बनायेगा।
बापदादा सदा के लिए अटेन्शन दिला रहा है, चेक करो कि अगर कोई भी विघ्न आता है, तूफान आता है तो तूफान तोहफा बन जाता है? तूफान, तूफान नहीं लेकिन तोहफा बन जाये। कोई भी माया का वार होता है, अनुभव कराती है माया, तो वह अनुभव भी ऐसे अनुभव हो कि हमको यह अनुभव की सीढ़ी आगे बढ़ाती है। इसके लिए बापदादा कहते सदा अपना चार्ट आपेही चेक करो। जितना अपना चार्ट चेक करेंगे उतना ही चेक करके चेंज करेंगे। तो हर एक अपने चार्ट को चेक करते हो? करते हो? जो रोज़ करता है वह हाथ उठाओ। जो रोज़ करता है, कभी कभी नहीं? रोज़ चार्ट चेक करो और चेंज करो क्योंकि समय का इशारा बापदादा ने काफी समय से दिया है। समय को देख भी रहे हो, मनुष्यों के मन में चिंता बढ़ रही है और आपके मन में चिंता नहीं लेकिन प्रभु चिंतन है। प्रभु चिंतन होने के कारण आप सदा जानते हो कि हम निमित्त हैं, निर्मान हैं क्योंकि करावनहार बाप है। इसके कारण आपके मन में चिंता नहीं है, करावनहार करा रहा है, यह स्मृति सदा आगे बढ़ा रही है।
अभी विशेष हर एक को यह चेक करना है कि इस संगमयुग का एक एक सेकण्ड समय और संकल्प शुभ चलता है? इस समय के महत्व को जान एक सेकण्ड, सेकण्ड नहीं लेकिन एक सेकण्ड की वैल्यू है, महत्व है। कभी कभी बच्चे कहते हैं कि संकल्प चला लेकिन दो चार सेकण्ड चला। लेकिन संगम समय की वैल्यू है, अभी एक सेकण्ड एक घण्टे के बराबर है। इतना इस समय की वैल्यू है क्योंकि बापदादा ने कह दिया है कि अचानक किसी भी समय आपका फाइनल पेपर होगा। बापदादा भी बतायेगा नहीं इसलिए इस समय का अटेन्शन स्वयं को सम्पूर्ण और सम्पन्न बनाना है। बापदादा ने जो सर्व खजाने दिये हैं उस एक एक खजाने को समय पर कार्य में लगाना है। खजानों के मालिक हो, मालिक की विशेषता यह है कि जिस समय जिस खजाने की आवश्यकता है उस समय वह खजाना कार्य में लगाता है। आप आर्डर करो समाने की शक्ति को तो समाने की शक्ति कार्य में लगती है? क्योंकि मालिक उसको कहा जाता है जो समय पर अपने खजाने कार्य में लगा सके। तो अभी सभी को इतना स्व पर अटेन्शन देना है। सबके अन्दर खुशी का खजाना सदा ही चेहरे और चलन में दिखाई दे। खुशी अविनाशी बाप की देन है। तो अविनाशी बाप की देन को अविनाशी रखो। खुशी के लिए कहा जाता है – खुशी जैसी कोई खुराक नहीं, खुशी जैसा कोई खजाना नहीं। तो जिसके अन्दर सदा खुशी है उनके नयनों से, चेहरे से, चलन से आटोमेटिक दिखाई देती है। बापदादा का वरदान है कि सदा खुश रहो और सदा खुशी बांटो क्योंकि खुशी बांटने से खुशी बढ़ेगी और कोई भी खजाना बांटने से कम होता है लेकिन खुशी का खजाना जितना बांटेंगे उतना बढ़ेगा। तो चेक करो खुशी का खजाना सदा कायम है?
अभी सभी बच्चों को चाहे देश, चाहे विदेश सभी बच्चों को बापदादा एक बात की विशेष मुबारक दे रहे हैं। कौन सी बात? जो सभी ने चाहे देश में, चाहे विदेश में अपने उमंग-उत्साह से आत्माओं को बाप का सन्देश दे दिया। सभी ने अपनी खुशी से जो कार्य किया उस कार्य में प्रोग्राम एक किया, हर जगह एक प्रोग्राम किया लेकिन उसका फल हजार गुणा प्राप्त किया। बापदादा को यही संकल्प है कि अब के समय प्रमाण जो सरकमस्टांश हैं वह आगे आगे नाज़ुक होते जायेंगे इसलिए चाहे गांव है, चाहे कोई भी कोना है, ऐसे उल्हना नहीं रह जाए कि हमारा बाप आया और हमको आपने सन्देश नहीं दिया इसलिए सभी ने जो उमंग-उत्साह से कार्य किया, बापदादा खुश है और ऐसे ही आपस में मिलकर ऐसे प्रोग्राम बनाते रहना। बापदादा ने देखा कि उमंग-उत्साह और हिम्मत सभी ने अपने-अपने विधि से कार्य में लगाया है लेकिन अभी तो सबने बहुत अच्छा किया, आगे भी समय प्रमाण यह लक्ष्य रखो कि कोई भी कोना बिना सन्देश के रह नहीं जाए। इसमें अपना भी पुरुषार्थ अच्छा चलता और आत्माओं का भी कल्याण होता है। सभी को यह प्रोग्राम अच्छे लगे ना! अच्छा लगा! तो बापदादा सभी बच्चों को यही बार-बार कहते कि आत्माओं के प्रति रहमदिल बनो। आजकल दु:ख अशान्ति के कारण सभी दिल से कहते हैं रहम करो, दया करो। तो बाप के साथी आप बच्चे हो, तो बाप बच्चों द्वारा अभी हर एक बच्चे का रहमदिल का पार्ट देखना चाहते हैं। आपका उमंग है कि दु:खमय संसार बदलकर सुखमय संसार आना ही है। तो सुखमय संसार आने के लिए यह दु:ख अशान्ति का विनाश होने के लिए हालतें बदल रही हैं। तो आज का यही बाप का सन्देश याद रखो कि अब चाहे मन्सा, चाहे वाचा, चाहे चेहरे और चलन से सेवा की गति बढ़ाते चलो। अपना राज्य समीप लाते चलो। अच्छा।
इस बारी जो पहली बार आये हैं बापदादा से मिलने, वह हाथ उठाओ। अच्छा बहुत हैं। सभी उठो। मुबारक हो। फिर भी समाप्ति के पहले पहुंच गये हो। नया जन्म ले लिया, इसकी सभी के तरफ से अभी आने वाले बच्चों को बापदादा और चारों ओर के बच्चों द्वारा मुबारक हो, मुबारक हो। ब्राह्मण परिवार को देख खुशी होती है ना! लेकिन जो अभी आये हो उन्हों को बापदादा यही कहते तो अभी बहुत समय बीत गया, बहुत थोड़ा रहा इसलिए पुरुषार्थ तीव्र करना है। तीव्र पुरुषार्थी आगे बढ़ेंगे, चलना नहीं उड़ना। उड़ती कला का पुरुषार्थ करेंगे तो बाप का वर्सा देर से आते हुए भी पूरा अपना हक ले सकते हो। हर सेकण्ड खुश रहना और सभी को पैगाम देना, सन्देश देना। अच्छा।
सेवा का टर्न यू.पी. बनारस और पश्चिम नेपाल का है:- जो सेवा प्रति आये हैं वह उठो। अच्छा चांस लिया है। यू.पी. में आपकी सेवा का यादगार बहुत है। भक्तिमार्ग के मन्दिर भी बहुत हैं, नदियां भी बहुत हैं। तो यू.पी. वाले चारों ओर सेवा बढ़ा भी रहे हैं और बढ़ाते रहेंगे। अभी बापदादा सभी ज़ोन को कहते हैं कि हर एक अपने ज़ोन में एक ऐसा ग्रुप बनाओ जिस ग्रुप में सभी वर्ग के हों। जो आपके वर्ग बने हुए हैं, सेवा के लिए और हर एक ज़ोन अपने एरिया में हर वर्ग की सेवा कर रहे हो, करते भी रहेंगे लेकिन हर ज़ोन में ऐसा ग्रुप सर्विस का हो जिसमें हर वर्ग का एक एक हो। और जहाँ भी प्रोग्राम करो वहाँ वह ग्रुप अपने अपने वर्ग को विशेष निमंत्रण दे। कोई भी वर्ग उल्हना नहीं दे कि हमें तो सन्देश नहीं मिला। और हर एक जो वैरायटी ग्रुप बने वह सेवा भी बढ़ाये, अपने वर्ग की और साथ में हर एक अपना-अपना अनुभव सुनावे कि हमारे को इस नॉलेज से क्या मिला और क्या अनुभव कर रहे हैं। तो हर ज़ोन में ऐसा सेवा का ग्रुप तैयार करो। चाहे भाषण करने का टाइम इतना न भी मिले लेकिन उन्हों को फंक्शन के समय पीछे लाइन में बिठाके उनका परिचय स्टेज पोट्री देवे। एक दो का अनुभव भी रख सकते हो और परिवार में रहते अपना कार्य करते हुए हमारी जीवन कैसे बीती, कैसे बदली, वह अनुभव चांस लेके टाइम हो तो सुनावे।
बापदादा ने पहले भी कहा है तो ऐसे विशेष माइक भी हो, जो ग्रुप सेवा करता रहे। अच्छा है यू.पी. ने विशेष ब्रह्मा बाप की पालना लेने का अधिकार प्राप्त किया है। यू.पी. में ब्रह्मा के नाम से यादगार भी है। तो यू.पी. का भाग्य है, जो जगत अम्बा, ब्रह्मा बाबा की पालना ली है। तो पालना की धरनी है। भाग्य का सितारा ब्रह्मा बाप और जगत अम्बा ने यू.पी. को वरदान में दिया। अच्छा है। अभी दिन प्रतिदिन बाप ने देखा कि सेवा स्थान और जो भी उपसेवाकेन्द्र वा गीता पाठशालायें हैं वह पहले से अभी वृद्धि अच्छी है इसीलिए बापदादा खास मुबारक दे रहे हैं कि बढ़ते चलो और नम्बर वृद्धि करने में, सन्देश देने में नम्बरवन बनो। अच्छा है, बापदादा खुश है और बढ़ाते चलना। टीचर्स को मुबारक है। वृद्धि कर रही हो और इससे भी ज्यादा में ज्यादा वृद्धि करते रहना। अच्छा।
महिला विंग की मीटंग है:- अच्छा है, माताओं का कल्याण तो जबसे बापदादा कार्य के लिए निमित्त बनें तो पहले ही माताओं के ऊपर कलष रखा। पाण्डव साथी हैं लेकिन फिर भी यह विशेषता आरम्भ हुई कि मातायें सेवा के निमित्त आगे बढ़ी और जब से बापदादा ने माताओं को मर्तबा दिया तो गवर्मेन्ट में भी आजकल मातायें सबमें, हर कार्य में सहयोगी बन कमाल कर रही हैं। तो संगमयुग की, बापदादा के कार्य की विशेषता या नवीनता मातायें हैं और अभी माताओं की विशेषता आगे आगे जैसे बापदादा के आगे बढ़ रही है ऐसे ही गवर्मेन्ट में या आज की दुनिया में माताओं की तरफ सभी की नज़र है इसलिए यह प्रोग्राम धूमधाम से करो, माताओं को ऐसा आगे बढ़ाओ जो सब देखें कि माताओं की शक्ति, माताओं की पालना कितनी ऊंची है। अभी मातायें परिवार में रहते अपने बच्चों का ऐसा सैम्पुल बनाओ जो किसी को भी बापदादा सैम्पुल दिखाये कि घर आश्रम कैसे बना। बच्चे कैसे अपनी मर्यादाओं में रहते हैं। यह जो इप्रेशन है कि बच्चे बदल जायें, यह गवर्मेन्ट की प्रॉब्लम है, वह मातायें ऐसा प्रैक्टिकल करके दिखाओ जो गवर्मेन्ट सोचे कि यह मातायें बच्चों का कल्याण भी कर सकती हैं। जो भी स्वयं बने हैं वह बच्चों को ऐसे तैयार करें जो गवर्मेन्ट को देखने में आवे कि यह क्या कमाल कर सकती हैं। अच्छा है। माताओं का प्रोग्राम रखने से माताओं में उमंग-उत्साह आयेगा तो आगे औरों की सेवा कर सकेंगी। अच्छा है सफलता तो है ही। अच्छा।
इन्दौर हॉस्टल की कुमारियों से:- अच्छा है, कुमारियां अपने को शक्ति रूप समझें, हम कुमारियां हैं नहीं, शिवशक्ति हैं, इस परिवर्तन से ऐसी कमाल करके दिखाओ जो सेवा में आपका परिवर्तन का जो प्रत्यक्ष रूप है वह चेहरा और चलन साक्षात्कार करावे। जैसे आप बड़ी बहिनों को, दादियों को देखते हैं तो उनका प्रभाव जनता को देखते ही पड़ता है, वायब्रेशन होता है, ऐसे आप एक एक कुमारी ऐसी अपने में शक्ति भरो जो आप कहाँ भी जाओ, किसकी भी सेवा करो तो उनको ऐसा अनुभव हो कि यह साधारण कुमारियां नहीं हैं लेकिन शक्तियां, देवियां हैं। आपकी शक्ल से बाप की सूरत, ब्रह्मा बाप की पालना का प्रभाव आपकी सूरत में दिखाई दे। आखिर यही सेवा का पार्ट चलना है। तो हर एक कुमारी इतना अपने में शक्ति भरो। बाकी अच्छा है, अच्छी चल रही हो, आगे बढ़ भी रही हो लेकिन अभी आपका चेहरा, चलन दिखाई दे कि न्यारी और प्यारी है। बाकी अच्छा है, बापदादा समाचार सुनते रहते हैं। एक एक सेन्टर सम्भालने योग्य हैण्ड्स बन जाओ तो कितने सेन्टर खुल जायेंगे! तो बापदादा यह रिजल्ट देखेंगे कि हर एक कुमारी सेन्टर सम्भाल रही है। ऐसे ही योग्य बन जाओ क्योंकि आजकल टीचर्स सेवा के लिए आवश्यक हैं। लेकिन निर्विघ्न टीचर बनना। वह लिख करके भेजना तो कितनी निर्विघ्न टीचर बनके उमंग-उत्साह से उड़ती हैं। बाकी अच्छा है, अपनी जीवन को बना रहे हैं बहुत अच्छा, सभी कुमारियों को दुआयें दो, सहयोग दो तो यह भविष्य में निर्विघ्न नम्बरवन टीचर बनें। हैण्ड्स की आवश्यकता है ना। फारेन में भी चाहिए ना। निर्विघ्न, मूल अण्डरलाइन करो निर्विघ्न टीचर। अभी बापदादा के पास रिजल्ट आयेगी। ठीक है ना! ऐसे ही लक्ष्य है ना! अच्छा।
कैड ग्रुप (दिल वालों का) भी आया है:- अच्छा है हर एक आपस में राय करके आगे अपनी सेवा को बढ़ाते रहते हो, उमंग-उत्साह बढ़ाते चलते हो और अपने को इसी कार्य में बिजी रखते हो तो उसकी रिजल्ट पुरुषार्थ का बल भी मिलता है और फल भी मिलता है। जितना प्लैन बनाते हो प्रैक्टिकल में लाते हो तो बापदादा की तरफ से हर ग्रुप को विशेष सकाश द्वारा भी सहयोग बापदादा देते हैं। अच्छा है। बढ़ते चलो, बढ़ाते चलो। अच्छा।
कॉल ऑफ टाइम के मेहमानों से:- लकी हैं, आपका भाग्य आप सबको यहाँ तक लाया है, अभी इस भाग्य को आगे बढ़ाते रहना। आगे बढ़ाने का साधन क्या है? एक तो कनेक्शन जरूर रखना और कनेक्शन के आगे इस ब्राह्मण फैमिली से, बापदादा से रिलेशन आगे बढ़ाते रहना। जितना कनेक्शन, रिलेशन रखेंगे उतना खजाने अखुट खजाने इकट्ठे होते रहेंगे। खजानों के मालिक बन जायेंगे। जिस समय जो शक्ति चाहिए, जो गुण चाहिए वह अनुभव करते रहेंगे। अच्छा है। बापदादा को यह जो प्रोग्राम किया, करते रहते हो, अच्छा लगता है। मधुबन में, इन्डिया में आना पसन्द आता है ना! पसन्द आता है? देखो, आपको देख करके इन्डिया के आपके भाई बहिन वह भी खुश होते हैं। सभी के दिल में आता है हमारे भाई हमारी बहिनें आ गई, आ गई, खुशी होती है। देखो, आप भी खुश होते और यहाँ सारा परिवार इतना बड़ा परिवार कभी सुना, देखा, और अभी देखो कितना आपका परिवार है। तो एक एक बच्चे को बापदादा का पदमगुणा यादप्यार स्वीकार हो। अच्छा।
40 देशों से 300 डबल विदेशी भाई बहिनें आये हैं:- बापदादा खुश होते हैं यह हर साल का संगठन यहाँ भारत के भाई बहिनों को भी अच्छा लगता है, बापदादा को तो अच्छा लगता ही है, आपस में मिलके लेन देन करके हर वर्ष का आगे के लिए सेवा और स्व का चार्ट दोनों बातें करते एक दो को उमंग-उत्साह बढ़ाते हो, यह देख बापदादा खुश होते हैं। आप सबको भी इतने भाई बहिन मिलते हैं, देखते हैं, खुश होते हैं तो आप भी खुश होते हैं ना। अच्छा है बापदादा ने देखा तो बापदादा के डायरेक्शन को प्रैक्टिकल में लाने में उमंग-उत्साह से एक दो को अटेन्शन दिलाते हैं। प्राब्लम जो पुरुषार्थ को ढीला करती हैं वह एक दो को सुनाने से, स्पष्ट करने से पुरुषार्थ में भी तीव्रगति आती है। और भाई बहिनों से मिलके एक एक के पुरुषार्थ को देख आगे बढ़ते भी हो। तो यह प्रोग्राम बापदादा को पसन्द है। आपको भी पसन्द है ना! पसन्द है? पाण्डवों को पसन्द है? अच्छा है, अब तो बापदादा ने सब डबल पुरुषार्थी बच्चों को सौगात नम्बरवन बनके लेने का इशारा भी किया है। हर एक सेन्टर और उसके कनेक्शन में आने वाले सेन्टर निर्विघ्न और तीव्र पुरुषार्थ की गति में नम्बरवन बनें। तो जो नम्बरवन बनेगा उसको बापदादा सौगात देंगे। खुद तो बनें लेकिन सभी को भी साथ लेके चलना है ना। संगठन को भी मजबूत करना है। तो देखेंगे नम्बरवन कौन लेता है! जो भी लेवे, जितने भी लेवें बापदादा को खुशी है। ठीक है ना! अभी से लेके यह लक्ष्य रखो कि हमें उड़कर उड़ाना है। चलने वाले नहीं, उड़ने वाले, उड़ती कला का सर्टीफिकेट लेना है। कभी कभी नहीं, सदा उड़ती कला। लेना है ना! सर्टीफिकेट लेना है? अभी हर दिन कोई न कोई बात में प्रोग्रेस करते चलो। चार सब्जेक्ट हैं, चार सब्जेक्ट में से कोई न कोई सब्जेक्ट का लक्ष्य रख करके प्रैक्टिकल में लाके अपना चार्ट आगे बढ़ाते चलो। अच्छा है। बापदादा ने देखा तो विदेश में भी ऐसे बच्चे हैं जो बाबा जो चाहते हैं वह प्रैक्टिकल में लाते अपना पोतामेल रोज़ बापदादा को देते हैं। पुरुषार्थ अच्छा है इसलिए जो ऐसे गुप्त पुरुषार्थी हैं उनको बापदादा रोज़ अमृतवेले खास मुबारक देते हैं। तो बढ़ते चलो, तीव्र पुरुषार्थी बन उड़ते चलो। अच्छा।
सर्व इन्डिया प्रोग्राम की लांचिग हैदराबाद में हुई है:- (निज़ार भाई से) यह भी कार्य कर रहे हैं। बापदादा सेवा के प्लैन को देख, उमंग-उत्साह को देख खुश होते हैं और बापदादा का वरदान है कि सफलता हर बच्चे का जन्म सिद्ध अधिकार है इसलिए सफलता रहेगी, सबको साथी बना करके, सहयोगी बनाके चल रहे हैं और चलते रहेंगे। मुबारक हो। मेहनत किया, मेहनत अच्छी की है, उमंग अच्छा है और उमंग-उत्साह जहाँ है वहाँ सफलता है ही है। हैदराबाद वाले उठो, टीचर्स कहाँ है? देखो पहला नम्बर हैदराबाद को चांस मिला और बापदादा को अच्छा लगा कि सबने यथाशक्ति सहयोग दिया और सेवा का पार्ट बड़ी दिल से बजाया। जो किया वह बहुत अच्छा किया, हिम्मत अच्छी रखी। हिम्मत वालों को बाबा की मदद है ही। अच्छा।
आज जो बापदादा ने कहा कि स्वराज्य अधिकारी बन स्वराज्य की रिजल्ट चेक करो, वह चेक करने से कोई भी कमी को बहुत समय से चेंज करना है क्योंकि बहुत समय अखण्ड राज्य चले इसकी आवश्यकता है, बहुत समय का पुरुषार्थ, बहुत समय की प्रालब्ध के स्वत: ही अधिकारी बनते हैं इसीलिए अन्डरलाइन बहुत समय का पुरुषार्थ हो। चेकिंग करो और चेंज करो।
चारों ओर के बापदादा के दिलतख्तनशीन हर एक बच्चे को बापदादा रोज़ अमृतवेले विशेष शक्ति बांटते हैं। अमृतवेले विशेष वरदान, शक्ति बांटते हैं। जो अमृतवेले की शक्ति विशेष वरदान स्वीकार करते हैं वह विशेष तीव्र पुरुषार्थी बनते हैं। अमृतवेले का महत्व रखना अर्थात् बापदादा के सदा तख्तनशीन बनना। तो कई बच्चों का अटेन्शन है और बापदादा रोज़ उन्हों को खास सर्टीफिकेट देते हैं वाह बच्चा वाह!
चारों ओर के तीव्र पुरुषार्थी, हर समय बापदादा को अपना साथी बनाकर कम्बाइन्ड रहने के अभ्यासी बच्चों को बापदादा विशेष वरदान दे रहे हैं कि सदा उड़ते चलो और दूसरों को भी उड़ाने का सहयोग देकर उड़ाते चलो। सभी विजयी हैं और विजय का फल बापदादा की हर समय दुआयें प्राप्त होती हैं। तो अमर बन सबको अमृत पिलाते रहो। चारों ओर के बच्चे बापदादा के सामने हैं। हर बच्चे से बापदादा को दिल का प्यार है क्योंकि हर बच्चे में कोई न कोई विशेषता है। अभी सर्व विशेषताओं से अपने को विशेष आत्मा बनाए आगे बढ़ते चलो। बापदादा का हर एक बच्चे को पर्सनल पदमगुणा यादप्यार स्वीकार हो। अच्छा, अभी तो मिलते रहेंगे। नमस्ते।
दादियों से:- सभी ने खूब चक्र लगाया। आजकल अशान्ति बढ़ती रहती है तो सारा दिन परेशान रहते हैं और शान्ति का वायब्रेशन शान्ति दिलाता है, तो खुश हो जाते हैं। जैसे कोई थका हुआ हो उसको आधा घण्टा भी आराम का मिलता है तो खुश हो जाता है। अच्छा किया। सभी जगह, चाहे छोटे चाहे बड़े सबने अच्छा किया। उमंग जहाँ हैं वहाँ खर्चे की कोई बात नहीं। इतनी आत्माओं को सन्देश तो मिल गया। आपका उल्हना तो पूरा हुआ। अच्छा है। ऐसे बीच-बीच में प्रोग्राम्स बनाते रहो। हर एक शहर अपने अनुसार जैसा भी करे वह ठीक है।
परदादी से:- यह हिम्मत वाली है, हिम्मते बच्चे मददे बाप।
रमेश भाई, ऊषा बहन से:- जो कुछ भी होता है, उसको अवाइड करके खुश रहती हो और यह खुशी बेफिकर बनाए आगे बढ़ाती है, यही दवाई है। त्रिमूर्ति हो (अनिला बहन भी साथ में हैं) और चौथा सम्भाल करने वाली है। तुम्हारी भी कमाल है। सभी को बहुत दिल से सम्भाल रही हो, अच्छा किया। सेवा का फल और बल मिल रहा है। समझती हो मेरे खाते में कितना भाग्य जमा होता है! अच्छा। (रमेश भाई से) तबियत अच्छी है! अभी सोचना नहीं, सोचने को छोड़ दो, बाप के ऊपर छोड़ दो। हल्के रहो और हल्का बनाके चलो।
ऊषा बहन की लौकिक बहन से:- इन्हों को देखकर खुश होती हो ना। इन्होंने अपनी जीवन कितनी अच्छी बनाई है, आप भी बना रही हो, खुश रहती हो ना। खुशी कभी नहीं गंवाना। खुशी जैसी और कोई खुराक नहीं, खुश रहना और औरों को भी खुशी बांटना।
अंकल-आंटी की तरफ से बृजमोहन भाई, गायत्री बहन ने बापदादा को गुलदस्ता दिया:- अच्छा गुलदस्ता बनाया है। फाउण्डेशन पक्का है, तकलीफ होवे क्या भी होवे, वह मस्ती में मस्त है और उसका प्रभाव परिवार पर पड़ता है। डॉक्टर भी सोचता है कि कमाल है पेशेन्ट की भी, इसलिए सेवा कर रहा है। उसकी शक्ल सेवा करती है। उसको पदम पदम पदम गुणा यादप्यार। आंटी भी गुप्त है। सारा परिवार लकी है। (गायत्री बहन से) यह तो सामने खड़ी है। इसकी एक विशेषता है, पता है कौन सी? कुछ भी हो जाए ना, बाबा को याद करके बाबा से शक्ति ले लेती है। डोंटकेयर कर लेती है। (विशेष आत्मा भी बनाती है) पीछे पड़ करके उनकी पालना तो करती रहती है ना। परिवार लकी है।
(तीनों बड़े भाईयों से) अभी तीनों कमाल करो। एक ने कहा, दूसरे ने विचार दिया लेकिन विचार दिया न्यारे और प्यारे। अभी सबकी नज़र है। (क्या यह मेगा प्रोग्राम आगे भी चालू रखें) अभी मेगा नहीं कहो जिसको करना हो यथाशक्ति अपने अनुसार करे, मना नहीं है। अच्छा है।
डबल विदेशी बड़ी बहिनों से:- बापदादा को ग्रुप ग्रुप को बुलाके रिफ्रेश करना, यह अच्छा लगता है क्योंकि वहाँ बहुत दूर दूर रहते हैं। नजदीक आने से एक दो के गुण दिखाई देते हैं। दूर दूर में पता नहीं पड़ता है। तो एक दो को देखके उमंग भी आता है। तो आबू में यह प्रोग्राम अच्छा लगता है और एक दो में उत्साह भरके संगठन पक्का करते हो यह अच्छा है। ठीक है। ठीक चल रहा है ना!
एक दो को सहयोग देना इससे आगे बढ़ते हैं। समय देते हो ना, अपनी सेवा छोड़के समय दिल से देते हो। अपना कार्य पूरा किया, सफलता हुई, अभी भले जाओ। सभी ने अच्छी मदद की। फारेन का भी किया इन्डिया का भी किया।
(लण्डन वालों ने खास यादप्यार दिया है और कहा है कि बाबा की मुरली में था बच्चे बुद्धू हैं तो क्या हम बुद्धू हैं?) कहना बुद्धू नहीं हैं लेकिन दिलतख्तनशीन हैं।
(टाटानगर का समाचार बापदादा को सुनाया) इस बारी सभी ने दिल से किया और रिजल्ट भी अच्छी है। सब जगह की अच्छी है। अच्छा। ओम् शान्ति।